Opreshan Sindoor: S 4000 बचा पाऐगा आइटम बम से क्या पाकिस्तान आइटम बम चलाएगा

 Opreshan Sindoor: S 4000 बचा पाऐगा आइटम बम से क्या पाकिस्तान आइटम बम चलाएगा



**अभी जस्ट अभी की खबर है हालांकि मैं**

Post का मटेरियल इस बात पर प्रिपेयर कर रहा था कि दिल्ली पे जो बैलिस्टिक मिसाइल पाकिस्तान ने छोड़ी थी आज ही के दिन वो बहुत बड़ी गलती कर दी और उस एक बैलिस्टिक मिसाइल के छोड़ने के बाद में पाकिस्तान को यह रियलाइज़ हो गया होगा कि इंडिया जो है ना इंडिया पे तुम अपनी मिसाइल्स का अटैक करोगे अपने ड्रोंस का करोगे या फिर अपने न्यूक्लियर वेपन्स का भी करोगे ना तो इंडिया का डिफेंस सिस्टम ऐसा है कि शायद वो सबको रोक देगा, इन्क्लूडिंग न्यूक्लियर मिसाइल को भी।


हालांकि न्यूक्लियर मिसाइल का कभी एक्सपेरिमेंट तो हुआ नहीं है लेकिन उसको भी रोकने के बहुत हाई चांसेस हैं। और आपको भी दिख गया होगा जितनी एक-दूसरे की तरफ को ड्रोंस और मिसाइल के भी अटैक्स हुए हैं उसमें पाकिस्तान अपने आप को डिफेंड नहीं कर पाता। उसका एयर डिफेंस कुछ है ही नहीं और इंडिया जो है वो अच्छे से डिफेंड कर रहा है।


मैंने बताया था कि अब पाकिस्तान ने बहुत बड़ी गलती कर दी दिल्ली की तरफ मिसाइल छोड़ के क्योंकि वो टोटली एक्सपोज हो गया है। उसके एयर डिफेंस में कुछ है नहीं, हमारे एयर डिफेंस बहुत तगड़ा है। और मुझे लगता है कि इसी वजह से पाकिस्तान ने खुद आगे से मर्जी दिखाई कि भाई इसको रोक दो लड़ाई को वरना पाकिस्तान इतने गंदे वाले कॉन्सक्वेंसेस फेस करेगा कि वो सोच भी नहीं सकता। इसी वजह से प्रॉबेब्ली सीज़फायर हुई है।


बाकी अगर इसका और भी कुछ रीज़न्स निकल के आएंगे तो आगे News पोस्ट करूंगा। पर मुझे यही लगता है कि ये जो हमारा डॉमिनेंस है ना मिसाइल डिफेंस सिस्टम वाला वो हद ही तगड़ा है।

अब यहां से देखना शुरू करो। होपफुली आप सारे बढ़िया हो। तो अभी क्या हुआ है कि आज ही के दिन 10 मई को पाकिस्तान ने दिल्ली के ऊपर बैलिस्टिक मिसाइल से अटैक करा। और जो मिसाइल है वो दिल्ली पहुंची नहीं, वो सिरसा के ऊपर हमारे मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने उसको टारगेट कर लिया और खत्म कर दिया।


जो मिसाइल यूज़ करी गई थी ये थी फतेह-2 और वैसे तो ये न्यूक्लियर मिसाइल कैपेबल है — न्यूक्लियर वेपन को लाने के लिए, पर इस पे कोई न्यूक्लियर वेपन था नहीं।

तो ये क्यों छोड़ी पाकिस्तान ने? इसके दो रीज़न हो सकते हैं। पहला तो यह कि एक मेथोडोलॉजी होती है कि आप अपनी मिसाइल वगैरह को सीरियसली छोड़ के देखो और फिर सामने वाले को डराओ और फिर उसके बाद में उससे बातचीत करो कि हां भाई शांति हम कर सकते हैं कि नहीं कर सकते, अब डीएस्केलेशन करते हैं।


दूसरा यह भी हो सकता है कि पाकिस्तान यह कोशिश कर रहा हो जानने की कि पाकिस्तान से अगर दिल्ली की तरफ कोई मिसाइल जाती है तो उसको इंटरसेप्ट करने के लिए कहां-कहां पे क्या-क्या सीन बनता है, कैसे इंटरसेप्ट होता है, कौन-कौन से हमारे सिस्टम उसको इंटरसेप्ट करेंगे और रेस्पॉन्स टाइम क्या रहेगा रडार का, और जो मिसाइल आएगी उसको खत्म करने के लिए वो कहां से आएगी।

पर यहां पे एक बात बताता हूं मैं आपको — पाकिस्तान जो है वो एक ऐसी लड़ाई लड़ रहा है जो जीत नहीं सकता।


वो क्लियर कट। जैसे आपने कुछ वीडियोस देखी है ना पाकिस्तानी लोगों की इंटरव्यूज पे — वो कहते हैं कि भाई हम इंडिया से जीत जाएंगे। क्यों जीत जाएंगे भाई? नोगा भाई हमारे अंदर बहुत जज्बा है। हां ऑफ कोर्स, सोल्जर्स का जज्बा तो मैटर करता है वॉर में, इसमें कोई डाउट नहीं है।

लेकिन जज्बा ना सिर्फ लड़ाई के टाइम पे सोल्जर्स का मैटर नहीं करता — उससे पहले जो आप 5–6 साल, 10 साल पीस में गुजारते हो और अपनी इकॉनमी पे फोकस करते हो, अपने वेपन्स बनाते हो, अपने देश में वेपन्स का डेवलपमेंट करते हो, टेक्नोलॉजी का करते हो — जैसे हमारी DRDO है।


ठीक है वो सारी चीज भी जज्बा होती है। ठीक है वो जज्बा नहीं दिखाई देता। जज्बा का मतलब इन्हें ऐसा लगता है कि बस अभी जाकर अभी उधेड़ दूंगा — ऐसा नहीं होता। ठीक है? दुनिया बहुत आगे आ चुकी है।

आज के टाइम पे सिचुएशन ऐसी है कि पाकिस्तान के पास कोई खास मिसाइल डिफेंस सिस्टम है नहीं। इंडिया के पास बहुत ही तगड़ा मिसाइल डिफेंस सिस्टम है।


अभी आपने जम्मू के साइड में देखा होगा कि जम्मू के एरियाज में जब मिसाइल, ड्रोंस वगैरह का अटैक हुआ था, इंडिया ने बहुत ही तगड़ी तैयारी की। इंडिया का S-400 जो है — जो रशिया से हमने लिया था, अच्छे खासे पैसे खर्च करके, बिलियंस ऑफ डॉलर्स — चार या पांच हमने लिए थे — उसने कितना बढ़िया काम किया और सारे ड्रोंस को जो है इंटरसेप्ट करके वहीं खत्म कर दिया।

दिल्ली के पास जो आई थी ना वो बैलिस्टिक मिसाइल थी — वो ड्रोन नहीं थे। अब हमारे पास S-400 तो वो सिस्टम है जो दुनिया का टॉप नॉच सिस्टम है इस टाइम पे। वो एयरक्राफ्ट को भी उड़ा सकता है, मिसाइल को भी उड़ा सकता है, ड्रोंस को — किसी भी चीज को उड़ा सकता है अपनी रेंज के अंदर।


हमारे पास बैलिस्टिक मिसाइल स्पेसिफिक डिफेंस सिस्टम भी है जिसका नाम है BMD — बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस।

ये हमारा खुद का है, हमने किसी से लिया नहीं है — खुद बनाया है। हमारे DRDO ने बनाया है।

BMD दो तरह के हैं — PAD (Prithvi Air Defense) और AAD (Advanced Air Defense)। PAD जो है वो हाई ऑल्टीट्यूड के लिए है — मतलब स्पेस में भी जाकर मिसाइल को डिटेक्ट करके ठोक के आ जाएगा।

AAD जो है वो एटमॉस्फेयर के अंदर की मिसाइल्स को इंटरसेप्ट करने वाला है।

BMD हमने इसलिए बनाया क्योंकि हमारे आसपास न्यूक्लियर वेपन वाले कंट्रीज हैं।

हमारे पास S-400 है और BMD है — दोनों लॉन्ग रेंज मिसाइल डिफेंस सिस्टम हैं। पाकिस्तान के पास कुछ नहीं है।


HQ-9 एक चाइना से इन्होंने इंपोर्ट किया है — नहीं किया है? डिप्लॉय किया है? कोई भरोसा नहीं है। ऐसा बोला जाता है कि वो लिया है, लेकिन वो इतना तगड़ा नहीं है — S-400 के कंपैरिजन में।

दूसरा उसका भरोसा भी नहीं है कि पाकिस्तान ने उसको डिप्लॉय करा या नहीं करा। अभी आपने न्यूज़ सुनी होगी जहां इंडिया ने ये क्लेम करा था कि लाहौर और सियालकोट में इंडिया ने HQ-9 को खासा डैमेज पहुंचाया है।

प्रॉबेब्ली इंडिया टेस्ट करने की कोशिश कर रहा था कि इनका डिफेंस सिस्टम कैसा है — और प्रॉबेब्ली वो चला नहीं क्योंकि हमने उनके यूनिट्स को डैमेज भी कर दिया।

लॉन्ग रेंज में पाकिस्तान के पास कुछ नहीं है।

इसका मतलब यह है कि अगर न्यूक्लियर अटैक होता है तो दोनों देश को नुकसान होगा — पर इंडिया तो सर्वाइव काफी हद तक कर भी लेगा। पाकिस्तान के बस की बात नहीं है सर्वाइव करना।


हमारा बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम हमने ऐसे ही पैसे बर्बाद करने के लिए नहीं बनाया है — यह न्यूक्लियर मिसाइल को डिफेंड करने के लिए ही बनाया गया है।

हालांकि इसका कभी न्यूक्लियर मिसाइल इंटरसेप्शन टेस्ट नहीं हुआ है, पर बहुत हाई चांस है कि ये रोक पाए।

S-400 और हमारा BMD मिलके कोई भी न्यूक्लियर अटैक को रोकने की अच्छी क्षमता रखते हैं।

इंडिया झेल लेगा न्यूक्लियर अटैक — लेकिन पाकिस्तान के पास कुछ नहीं है, वो नहीं झेल पाएगा।


 तो बार-बार गीदड़ भभकी देना कि वो न्यूक्लियर अटैक कर देंगे। एक तरीके से पाकिस्तान को बहुत अच्छे से पता है कि इंडिया के खिलाफ वॉर वो टिक नहीं पाएगा। बस बात ये है कि न्यूक्लियर धमकी देके हम चीजों को बैलेंस्ड कर देंगे, न्यूक्लियर अटैक के लिए। तो कभी कोई वेल प्रिपयर्ड होता ही नहीं है। खैर लेकिन वी आर प्रिपयर्ड एट लीस्ट यू गाइस आर नॉट हां, दूसरा एक और चीज जो मैं बतानी भूल गया हमारे पास जो रडार सिस्टम है, ना वो है शर्ड्स फिश रडार सिस्टम जो 600 से 800 कि.मी दूर की चीजों को थ्रेट को एकदम देख लेता है, पकड़ लेता है एक क्रिकेट की जो बॉल होती है, ना इतना बड़ा भी थ्रेट है ना तो वो उसको भी ट्रैक कर लेता है, उसको भी इंटरसेप्ट कर लेता है तो न्यूक्लियर टिप्ड मिसाइल को वो ईजीली अपना जो है, इंटरसेप्ट कर लेगा एक बार इंटरसेप्ट हो गया फिर क्या होगा क्या नहीं होगा ये कहना मुश्किल है।



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