India vs Pakistan War: भारत-पाक युद्ध की आशंका क्या इस बार जवाब ऐतिहासिक होगा?भारत-पाक तनाव फिर उफान पर है। परमाणु धमकी और सैन्य तैयारी के बीच भारत की रणनीति क्या है? जानिए युद्ध की आशंका और संभावित परिणाम।
क्या भारत और पाकिस्तान के बीच में कुछ बहुत बड़ा होने वाला है? क्या अगले कुछ दिनों में भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे से युद्ध लड़ सकते हैं? क्या वाकई में जो हालात बन रहे हैं वो संकेत दे रहे हैं कि हिंदुस्तान और पाकिस्तान जंग की तरफ आगे बढ़ रहे हैं? क्या वो सरहदों पर दशकों से सुलगती तनाव की आग वाकई में भड़कने को तैयार है?
पहलगाम हमले ने भारत को पूरी तरह से झकझोर दिया और उसके बाद जो कदम भारत सरकार ने उठाए वो महज प्रतिक्रिया नहीं लग रहे बल्कि एक बड़े तूफान का संकेत लग रहे हैं। और वहीं से सवाल उठता है कि क्या 1947, 1965, 1971, 1984 और 1999 के बाद भारत और पाकिस्तान फिर युद्ध की कगार पर हैं?
क्या वाकई हिंदुस्तान और पाकिस्तान युद्ध से बस थोड़ी सी दूर हैं?
दरअसल यह चर्चाएं इसलिए बढ़ रही हैं क्योंकि भारत की सेना मॉक ड्रिल करने में जुट गई है। सरकार की तरफ से आदेश आ रहे हैं कि स्कूल, कॉलेज से लेकर अलग-अलग जिलों में मॉक ड्रिल की जाए। तारीख तक मुकर्रर कर दी गई है। लड़ाकू विमान आसमान में गर्जना कर रहे हैं, नौसेना समुद्र में ताकत दिखा रही है, बीएसएफ की सीमा पर चौकसी ऐसी है कि मानो चींटी भी पार ना कर पाए। भारत पाकिस्तान को सोशल मीडिया पर डिजिटली बैन कर चुका है। हिंदुस्तान में पाकिस्तान का कुछ भी नहीं दिख रहा। यहां तक कि भारत में भी सोशल मीडिया को लेकर इन्फ्लुएंसर्स को चेतावनी दी गई है कि अगर हिंदुस्तान की एकता अखंडता के खिलाफ एक भी शब्द लिखा तो अंजाम भुगतने को तैयार रहना।
दिल्ली में लगातार बैठकों का दौर चल रहा है।
कश्मीर में उमर अब्दुल्लाह प्रधानमंत्री से मुलाकात कर रहे हैं। राहुल गांधी की भी गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात हो रही है और इन तमाम मुलाकातों के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या किसी बड़े फैसले की तरफ ये मुलाकातें इशारा करती हैं? क्या भारत और पाकिस्तान की सेनाएं अब किसी भी दिन आमने-सामने हो सकती हैं?
क्या परमाणु हथियारों की छाया में दोनों देश युद्ध की आग में झुलसेंगे? यह एक कूटनीतिक चाल है या इस बार यह संकेत नहीं है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि पहलगाम के दोषियों को मिट्टी में मिलाया जाएगा। उसको लेकर यह अंतिम प्रहार है। 22 अप्रैल 2025 को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 26 पर्यटकों की निर्मम हत्या जब हुई तो भारत हिल गया। भारत ने पाकिस्तान को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। पाकिस्तान ने हर बार की तरह आरोपों से इंकार कर दिया। जनता का गुस्सा उबाल पर रहा। सोशल मीडिया पर बहुत सवाल रहे –
क्या पाकिस्तान को सबक सिखाया जाएगा?
सवाल यह भी कि पाकिस्तान को सबक सिखाने में देर क्यों हो रही है?
क्या बयानबाजियों तक, बैठकों तक सरकार सीमित है?
क्योंकि पिछले हमलों में भारत सरकार ने कभी देरी नहीं लगाई। आप याद कीजिए – 18 सितंबर 2016 को उरी हमले के 10 दिन बाद 28 सितंबर को भारतीय सेना ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी।
14 फरवरी 2019 को पुलवामा हमले के 12 दिन बाद भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी।
लेकिन इस बार 14 दिन बीत चुके हैं, 15वां दिन चल रहा है और कोई भी सैन्य कारवाई नहीं है। अब यह देरी सवाल खड़े कर रही है – क्या भारत किसी बड़े युद्ध की तैयारियां कर रहा है?
जानकारों का यह मानना है कि इस बार का इंतजार सर्जिकल या फिर एयर स्ट्राइक से कहीं ज्यादा बड़े एक्शन का संकेत है, क्योंकि पाकिस्तान ने इस बार ऐसा गुनाह किया है जिसकी सजा कोई छोटी कार्रवाई नहीं, बल्कि कुछ अभूतपूर्व होगा। सवाल सिर्फ इतना है –
क्या एक्शन होगा? कब होगा?
सरकार बार-बार कह रही है कि पहलगाम का बदला लिया जाएगा और ऐसा लिया जाएगा कि इस बार पाकिस्तान इसे याद रखेगा। और युद्ध की तैयारियां इस बात के संकेत भी दे रही हैं।
7 मई 2025 को गृह मंत्रालय ने देश के 244 जिलों में मॉक ड्रिल, सायरन सिस्टम की जांच और ब्लैकआउट रिहर्सल का आदेश दिया है। यह वही तैयारी है जो आखिरी बार 1971 के भारत-पाक युद्ध में देखी गई थी।
यह कदम साफ-साफ इशारा करता है कि भारत किसी बड़े खतरे के लिए तैयार हो रहा है। गृह मंत्रालय का निर्देश है कि हवाई हमले की चेतावनी के लिए सायरन सिस्टम का परीक्षण किया जाए, नागरिकों व छात्रों को युद्धकालीन सुरक्षा मानकों का प्रशिक्षण दिया जाए,
हमले की स्थिति में बचाव के उपायों पर जागरूकता प्रशिक्षण हो, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को युद्ध के दौरान सुरक्षित रखने की ट्रेनिंग दी जाए।
अगर आप नहीं जानते कि मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट एक्सरसाइज क्या होती है – तो जान लीजिए कि यह इमरजेंसी सिचुएशन में प्रशासन और नागरिकों की त्वरित प्रतिक्रिया के लिए की जाती है। ब्लैकआउट यानी तय समय के लिए पूरे इलाके की बिजली बंद करना ताकि दुश्मन को निशाना साधने में मुश्किल हो।
इन तमाम चीजों की तैयारियां भारत सरकार ने पहलगाम हमले के बाद शुरू कर दी थी – 23 अप्रैल 2025 को सिंधु जल संधि निलंबित कर दी गई थी।
1960 में यह संधि साइन हुई थी। अटारी-वाघा बॉर्डर बंद कर दिया गया था। आवाजाही पूरी तरह से बंद है। पाकिस्तानी वीजा को रद्द कर दिया गया था। पाकिस्तानी कारोबार पर रोक लगा दी गई थी।
26 अप्रैल को आतंकी ठिकानों पर छापेमारी होती है।
सार्क वीजा सहूलियत को भारत खत्म कर देता है।
28 अप्रैल को पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भारत से भेजा जाता है। 29 अप्रैल को मेडिकल वीजा को रद्द किया जाता है और पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने की अंतिम तारीख दी जाती है।
30 अप्रैल को भारत डिजिटल ब्लॉक करता है –
पाकिस्तान के तमाम YouTube चैनल्स, ऐप्स और वेबसाइट्स को ब्लॉक कर दिया जाता है।
पाकिस्तान के विमानों को बैन कर दिया जाता है।
1 मई 2025 को पाकिस्तानी उद्यमों के कर्मचारियों की संख्या सीमित कर दी जाती है।
2 तारीख को IMF में लोन समीक्षा की मांग भारत करता है। इसके बाद भारत डिजिटल स्ट्राइक करता है –
पाकिस्तान आधारित ऑनलाइन पेमेंट गेटवे और वेबसाइट्स पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया जाता है।
3 मई को भारत-पाकिस्तान क्रिकेट और तमाम इवेंट्स के लिए भारत से संपर्क पर पूरी तरह से रोक लगा दी जाती है। भारत के ये संकेत क्या वॉर की धमकी हैं?
हालांकि पाकिस्तान इस बात का एहसास कर रहा है और इसी वजह से पाकिस्तान ने तनाव बढ़ाने के लिए परमाणु धमकी का सहारा लिया। पाकिस्तान के राजदूत मोहम्मद खालिद जमाली ने रूस में कहा कि अगर भारत...
हमला करेगा तो हम भी परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेंगे वहां के रेल मंत्री भी कुछ ऐसी ही बयानबाजी कर रहे हैं। पाकिस्तान अपनी तैयारियां भी कर रहा है। मिसाइल परीक्षण उसने किया फतेह अब्दाली और मिसाइलों का परीक्षण हुआ। 2 महीने के लिए गेहूं, आटा, दवाओं का स्टॉक और ₹1 अरब का फंड पीओके भेजा गया। पाकिस्तान में असीम मुनीर एलओसी पर सैनिकों का मनोबल बढ़ाने का दावा करते हैं। हालांकि उनकी खुद की लोकेशन पर संदेह है।
लेकिन सवाल ये है कि क्या पाकिस्तान, जो परमाणु शक्ति से लैस है, वो भारत को डरा सकता है? पाकिस्तान अगर ऐसा करता है तो पाकिस्तान मूर्खता की पराकाष्ठा करेगा क्योंकि इसके बाद भारत का जवाब ऐसा होगा कि पाकिस्तान का अस्तित्व नक्शे पर खोजने के लिए इतिहासकारों को मुश्किल हो जाए।
भारत की नीति हमेशा से नो फर्स्ट यूज़ की है, लेकिन भारत की क्षमता पूरी है। भारत कंप्लीट डिस्ट्रक्शन पर विश्वास करता है।
सवाल यह भी है क्या पाकिस्तान भारत से लंबा युद्ध लड़ने की क्षमता रखता है? जवाब इसका हम आंकड़ों से देते हैं। भारत की 3.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था, पाकिस्तान की 376 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था से 10 गुना है। इस बात को पाकिस्तान जानता है, समझता है और इसीलिए बचने के लिए कभी चीन तो कभी यूएन का सहारा ले रहा है और भारत को न्यूक्लियर वॉर में उलझाने की धमकी दे रहा है।
पाकिस्तान की सेना का बजट भारत के रेलवे बजट से भी कम है। पाकिस्तान के सैनिकों की संख्या भारत के सैनिकों से कम है। पाकिस्तान के पास संसाधनों की भारी कमी है। भारत का रक्षा बजट पाकिस्तान के रक्षा बजट से 10 गुना ज्यादा है। भारत की गहरी रणनीति, ज्यादा संसाधन, बेहतर पुनर्जन्म क्षमता पाकिस्तान को बर्बाद करने की हिम्मत रखती है। पाकिस्तान के पास सिर्फ एक दोस्त है — वो है उसका वहम।
अब सवाल यह है कि अगर भारत पाकिस्तान से जीत सकता है तो फिर भारत हमला क्यों नहीं कर रहा? क्योंकि बहुत सारे लोग हैं जो बार-बार सवाल उठा रहे हैं कि सरकार हमला क्यों नहीं कर रही। इसके लिए उन्हें 54 साल पुरानी कहानी को याद करना पड़ेगा।
साल 1971 था। पाकिस्तानी सेना ने पूर्वी पाकिस्तान में अत्याचार किया था। हजारों शरणार्थी भारत आ गए थे। इंदिरा गांधी पर तब कार्रवाई का दबाव था। तब तत्कालीन सेनापति सैम मानकशॉ तुरंत युद्ध की मांग की थी, लेकिन मानकशॉ ने इंकार कर दिया था। कहा था कि युद्ध हारने के लिए नहीं, जीतने के लिए लड़ा जाता है। सेना और मौसम की अनुकूलता के लिए समय मांगा। अप्रैल 1971 की मांग के बावजूद युद्ध दिसंबर में हुआ और उसके बाद 93,000 सैनिकों के सरेंडर करने वाली वो तस्वीर आज भी पाकिस्तान को शर्मिंदा करती है।
1971 में युद्ध की तैयारी में 7-8 महीने लगे थे। हालांकि इसका ये मतलब नहीं कि इस बार भी इतना ही समय लेगा। इस बार भी भारत सरकार सेना को तैयारियां करने का वक्त दे रही है और ऐसा लगता है कि सरकार ने सेना को ये स्पष्ट कर दिया है कि कब, कैसे, कितना करना है — वो सेना तय करेगी। लेकिन इस बार पाकिस्तान को सबक सिखाना है।
सवाल ये भी कि युद्ध हो गया तो क्या होगा? पाकिस्तान के पास, जैसा की हमने कहा, लंबे युद्ध के लिए पैसा, संसाधन, सैनिक, रणनीति नहीं है। कुछ ही हफ्तों में पाकिस्तान बर्बाद हो जाएगा।
पहलगाम का घाव हिंदुस्तान के लिए गहरा है और इस बार का जवाब ऐतिहासिक होगा। इस बार सिर्फ बदला नहीं होगा बल्कि संदेश होगा कि भारत अब खामोश नहीं रहेगा। पाकिस्तान की धमकियां, सैन्य तैयारियां उसकी बौखलाहट को दिखाती हैं, लेकिन भारत का धैर्य उसकी ताकत को दर्शाता है।
सेना, सरकार, विपक्ष, जनता — सब इस बार एकजुट हैं। भारत शांति चाहता है लेकिन शांति सम्मान के साथ। भारत धैर्यवान है लेकिन कायर नहीं। भारत सहनशील है पर वो आत्मसम्मान से समझौता नहीं करेगा।
भारत पाकिस्तान को यह संदेश देना चाहता है कि पहलगाम में तुमने जो कुछ किया, इस बार उसका तुम्हें ऐतिहासिक हिसाब होगा। और अगर इसके बाद भी पाकिस्तान किसी भूल का साहस करता है तो इस बार ना बांग्लादेश बनेगा, ना सियालकोट बचेगा, ना इस्लामाबाद का नाम इतिहास में लिखा जाएगा। इस बार इतिहास नए सिरे से लिखा जाएगा कि 1947 में जन्मा पाकिस्तान 21वीं सदी में अंतहीन हो जाता है।
लेकिन सवाल फिर यही कि क्या यह युद्ध की नौबत आएगी? इस सवाल का जवाब भारतीय सेना और भारत सरकार के पास है। सरकार जो कुछ फैसला लेगी, उसमें हमें और आपको मजबूती से उनका साथ देना चाहिए। यह मामला पक्ष-विपक्ष का नहीं बल्कि भारत का है। पहलगाम में जो कुछ हुआ वो भारत की आत्मा पर हमला था और इस बार भारत ऐतिहासिक जवाब देगा। उस जवाब का इंतजार हमें, आपको, भारत सरकार के साथ मजबूती से और उनके आदेशों का पालन करते हुए करना चाहिए।
**जय हिंद, जय भारत।**