Pakistani Terrorist Silent Killing: आखिर कौन मार रहा है पाकिस्तानी आतंकी को ना नाम ना पहचान News Number 1
परम पूजनीय और प्रातः स्मरणीय "अज्ञात हत्यारा" एक बार फिर पाकिस्तान में सक्रिय हो गया है. सीजफायर के बाद से, पाकिस्तान में भारत के दुश्मनों को एक-एक करके ठिकाने लगाया जा रहा है. 18 मई को लश्कर-ए-तैयबा का टॉप कमांडर सैफुल्ला खालिद और उसके अगले ही दिन लश्कर का एक और आतंकी अब्दुल वाहिद कुंभो अज्ञात हत्यारे के शिकार हो गए.
पाकिस्तान के अंदरूनी हालात
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में लोग सेना की गाड़ियाँ फूंक रहे हैं. सिंध का पानी रोके जाने से नाराज़ लोगों ने एक मंत्री के घर में आग लगा दी. इस हिंसा में दो लोग मारे गए और छह पुलिसकर्मी घायल हुए. यह घटना सिंध के नौशेरा ज़िले में हुई.
पाकिस्तान की आर्मी और राजनीति में ज़्यादातर लोग पंजाब से आते हैं और सालों से ये पंजाबी मुसलमान दूसरे प्रांतों के साथ सौतेला व्यवहार करते आ रहे हैं. शाहबाज़ शरीफ सरकार ने पंजाब में छह नहरें बनाने की घोषणा की थी, जिसका मक़सद सिंध में जाने वाले पानी को रोककर पंजाब के चोलिस्तान रेगिस्तानी इलाक़े को हरा-भरा करना था. इस बात से सिंध के लोग भड़क गए, क्योंकि उनके पास पीने का पानी तक नहीं है.
ऑपरेशन सिंदूर में सीजफायर होने के बाद पाकिस्तानी आर्मी को लगा कि वे प्रोजेक्ट फिर से शुरू कर सकते हैं, जिससे सिंध के लोग और ज़्यादा उग्र हो गए और उन्होंने गृह मंत्री के घर में आग लगा दी. भारत इस मामले में सीधे तौर पर शामिल नहीं है, लेकिन ये घटनाएँ दिखाती हैं कि पाकिस्तान अपने ही लोगों को पानी नहीं दे रहा है, जबकि भारत उसे सिंधु जल संधि के तहत पानी उपलब्ध कराता है.
सिंध के लोगों के साथ लगातार भेदभाव किया जा रहा है, उनकी भाषा और संस्कृति का सम्मान नहीं किया जाता. 1947 के बाद भारत से पाकिस्तान गए मुसलमानों को आज भी "मुहाजिर" कहकर दूसरे दर्जे का नागरिक माना जाता है. कई लोग मानते हैं कि भारत को सिंध के लोगों की मदद करनी चाहिए, जैसे 1971 में बांग्लादेश की मुक्ति वाहिनी की मदद की थी.
"अननोन शूटर" का आतंक
यह कहानी किसी फ़िल्मी कहानी से कम नहीं है. "अननोन शूटर" ने 18 मई को लश्कर के आतंकी सैफुल्ला खालिद को ठिकाने लगाया. सैफुल्ला भारत में तीन बड़े हमलों में शामिल था: 2005 में बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ साइंस पर हमला, 2006 में नागपुर में आरएसएस मुख्यालय पर हमले की योजना, और 2008 में रामपुर में सीआरपीएफ़ कैंप पर हमला. वह नेपाल से अपनी गतिविधियों को अंजाम देता था, लेकिन भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के दबाव के बाद वह पाकिस्तान आ गया और सिंध प्रांत में छिपा हुआ था.
इसके अगले ही दिन, 19 मई को, उसी सिंध प्रांत से लश्कर के एक और बड़े आतंकी अब्दुल वाहिद कुंभो को भी "अननोन किलर" ने मार गिराया. अब्दुल वाहिद खुद को सोशल वर्कर बताता था, लेकिन वह भी भारत में आतंकवाद फैलाने का काम कर रहा था.
पिछले दो-तीन सालों में पाकिस्तान में ऐसे करीब 15 टॉप आतंकी मारे जा चुके हैं.
"अननोन किलर" कैसे काम करता है?
लगभग 10 साल पहले तक पाकिस्तान भारत में परमाणु बम की धमकी देकर आतंकी हमले करवाता था, लेकिन 2014 के बाद भारत ने इज़राइल जैसी रणनीति अपनाई. इज़राइल अपने दुश्मन देशों में कवर्ट ऑपरेशंस चलाकर दुश्मनों को ठिकाने लगाता है, ताकि वे इज़राइल को नुक़सान न पहुँचा सकें. भारत ने भी ऐसी ही प्रोएक्टिव रणनीति अपनाई है. हालाँकि, भारतीय सरकार का कोई आधिकारिक बयान नहीं है, लेकिन कई विशेषज्ञ मानते हैं कि "अननोन किलर" को भारत का समर्थन प्राप्त हो सकता है.
पाकिस्तान में बहुत सारे फ़्रीलांस आतंकवादी हैं जो थोड़े पैसे के लिए काम करते हैं. उन्हें इससे कोई लेना-देना नहीं होता कि काम कौन करवा रहा है और क्यों करवा रहा है. तहरीक-ए-तालिबान जैसे संगठनों की भी इसमें बड़ी भूमिका है. जब भी कोई हमला होता है या किसी आतंकी को मारा जाता है, तो उसका वीडियो या तस्वीरें ली जाती हैं ताकि लक्ष्य हासिल होने की पुष्टि हो सके और इन फ़्रीलांस हत्यारों को भुगतान और प्रोत्साहन मिल सके.
पाकिस्तानी फ़ौज ने पिछले 30 सालों में अपनी अवाम पर इतने ज़ुल्म किए हैं कि वहाँ हज़ारों लोग ऐसे काम करने को तैयार हैं. बलूचिस्तान में आज़ादी के लिए लड़ने वाले सभी संगठन एक साथ आ गए हैं, और तहरीक-ए-तालिबान भी बलूचिस्तान में सक्रिय है. यही वजह है कि ये लोग वहाँ आतंकियों को आसानी से मार रहे हैं. शुरुआत में छोटे आईएसआई हैंडलर्स को निशाना बनाया गया, फिर मिड-लेवल के आतंकियों को, और अब सैफ़ुल्ला जैसे टॉप आतंकियों को भी निशाना बनाया जा रहा है.
मारे गए कुछ प्रमुख आतंकवादी:
20 फ़रवरी 2023 से 15 मार्च 2025 के बीच मारे गए कुछ प्रमुख आतंकवादी:
- इम्तियाज़ आलम उर्फ़ बशीर अहमद पीर (हिज़बुल, रावलपिंडी)
- सैयद खालिद राजा (अल-बदर का पूर्व कमांडर, कराची)
- एजाज़ अहमद अहंगर (इस्लामिक स्टेट से जुड़ा, काबुल)
- सैयद नूर शोलाबर (आतंकी, ख़ैबर पख्तूनख़्वा)
- परमजीत सिंह पंजवड़ (ख़ालिस्तान कमांडो फ़ोर्स का प्रमुख, लाहौर)
- हरदीप सिंह निज्जर (ख़ालिस्तान टाइगर फ़ोर्स, कनाडा)
- मुल्ला सरदार हुसैन नारायण (जमात-उद-दावा, कराची)
- अबू कासिम (लश्कर, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर)
- अबू कताल (लश्कर, पाकिस्तानी पंजाब)
इन सभी आतंकियों को या तो "अज्ञात हत्यारे" ने मारा है, या वे अज्ञात परिस्थितियों में मारे गए हैं.
पाकिस्तान का भविष्य
मुनीर (पाकिस्तानी सेना प्रमुख) ने तीन दिन की जंग में भारत के हाथों जलील होने के बाद खुद को फ़ील्ड मार्शल बना लिया, जबकि उनकी फ़ौज और पुलिस अपने ही मुल्क में जूते खा रही है. पाकिस्तान में बलूचिस्तान हो, सिंध हो या ख़ैबर पख्तूनख़्वा, हर जगह उसके अपने ही लोग उसे परेशान कर रहे हैं. भारत केवल एक क्लास मॉनिटर की तरह यह सुनिश्चित कर रहा है कि सारा काम ठीक से हो रहा है या नहीं.
कुछ लोग पाकिस्तान को चीन की नाजायज़ औलाद या चीन का माल कहते हैं. चीन का माल ज़्यादा टिकता नहीं है, और पाकिस्तान की भी एक्सपायरी डेट आ गई है. एक्सपायर्ड माल अपने आप कूड़ेदान में चला जाएगा, जहाँ किसी को एक दिन यह याद भी नहीं रहेगा कि पाकिस्तान नाम की कोई चीज़ कभी धरती पर मौजूद भी थी.
आपको क्या लगता है, क्या ऑपरेशन सिंदूर का सीज़न 2 अब पाकिस्तान में शुरू हो चुका है? क्या इस सीज़न 2 में पाकिस्तान की हो रही "ठुकाई" से आप खुश हैं? उस परम आदरणीय, प्रातः स्मरणीय "अज्ञात गनमैन" भाई साहब के लिए कुछ कहना चाहेंगे?
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