Paresh Rawal: बाबू भैया के मू*त 'यूरिन' पीने पर क्यों मची हैं खलबली?
आप सुबह उठने के बाद सबसे पहले क्या पीते हैं—चाय, कॉफी, गर्म पानी, हींग वाला पानी, नींबू पानी या फिर गौमूत्र या ताजी-ताजी पेशाब?
आप सुबह उठने के बाद सबसे पहले क्या पीते हैं—चाय, कॉफी, गर्म पानी, हींग वाला पानी, नींबू पानी या फिर गौमूत्र या ताजी-ताजी पेशाब? नहीं नहीं भाई साहब, मैंने कोई नशा नहीं किया है और आप मेरे ऊपर नाराज़ मत होइए और ना ही इसे सुनकर घिना जाइए। यह सच है और इसीलिए हम पूछ रहे हैं कि क्या आप अपनी पेशाब पीते हैं? सवेरे की पहली पेशाब… ताजी-ताजी पेशाब।
अरे भगवान! हां, मतलब आपका जो चेहरे पर रिएक्शन आ रहा है, उसे देखकर हम समझ पा रहे हैं। लेकिन अब है तो है। आपके और हमारे मुंह बनाने से क्या हो जाएगा? बड़े-बड़े लोग पेशाब पी रहे हैं। हमारे देश में रूह अफ़ज़ा और गुलाब शरबत की बहस साइड रख दी गई है और फिलहाल चर्चा है ताज़े पेशाब की—अपने पेशाब की, गरमागरम पेशाब की।
गौमूत्र और ऊँट का मूत्र तो दुनिया में पीने वाले लोग हिंदुस्तान से लेकर सऊदी तक हैं। लेकिन बॉलीवुड के एक्टर परेश रावल ने जब कहा कि घुटने की चोट को ठीक करने के लिए उन्होंने महीनों तक अपना पेशाब पिया, तो कोई मुंह से उल्टी कर दिया, कोई डाइजेस्ट नहीं कर पाया। किसी ने उन्हें ‘संघी’ बोलकर ट्रोल किया, तो किसी ने कहा—भैया, जानते नहीं हो, मुंह मत बनाओ। ठीक हो जाता है।
अब ये ठीक होता है या नहीं, परेश रावल क्या कोई क्यूटियापा कर रहे थे या फिर इसके पीछे वाकई में कोई लॉजिक है—यह आपको बाद में बताएंगे। पहले यह बताते हैं कि रावल साहब ने कहा क्या।
बाबू भैया (परेश रावल) कहते हैं कि एक फिल्म आई थी सनी देओल की *घातक*, उसकी शूटिंग चल रही थी। चोट लग गई थी। अजय देवगन साहब के पिताजी वीरू देवगन आए और बोले, “यार परेश, अपना पेशाब पी लो, ठीक हो जाएगा। जितने फाइटर होते हैं, ये सब अपना पेशाब पीते हैं। इसीलिए फिट रहते हैं।”
बाबू भैया ने कहा, “ओके, कर लेते हैं।” फिर उन्होंने सोचा कि जब पीना है तो अच्छे से पिया जाए। उन्होंने कहा, “मैंने बीयर की तरह उसे 15 दिन तक जबरदस्त तरीके से पिया और मेरी चोट ठीक हो गई। डॉक्टर्स हैरान पड़ गए। जब एक्स-रे कराया गया तो वहां मेरी चोट ठीक थी।”
यहीं से सोशल मीडिया पर कांड हो गया। किसी ने कहा—“जादू है क्या बाबू भैया?” किसी ने कहा—“पेशाब को बाबू भैया ने पंचामृत बना दिया।” किसी ने कहा—“अब गौमूत्र आउट और स्वमूत्र इन।” किसी ने कहा—“बीजेपी से जुड़े लोग क्या-क्या नौटंकी करते रहते हैं।”
हालांकि इससे पहले कि आप कोई धारणा बनाएं, हम आपको बता दें कि पेशाब हल्की चीज नहीं है गुरु। और पेशाब को हल्के में मत लेना। पेशाब संस्कृति का सुपरस्टार है। संस्कृत के कई जानकार कहते हैं कि पेशाब शब्द संस्कृत और फारसी से मिलकर बना है—संस्कृत से ‘पेशा’ और फारसी से ‘आब’। पेशाब यानी पेशा (दबाव) + आब (पानी) = पेशाब।
पेशाब की महिमा को समझना है तो भगवान की महिमा को समझिए। बच्चा बोलना, चलना, प्यार करना सीखता है, लेकिन पेशाब करना सीखना नहीं पड़ता। यह तो वह पेट से सीखकर आता है।
सवेरे की नींद चाहे ठंड हो या गर्मी, खुलती हो या नहीं, लेकिन अगर पेशाब का दबाव बना तो वह अलार्म क्लॉक से तेज होता है। बिना खाने के कुछ हफ्ते जी सकते हैं, बिना पानी के कुछ दिन, लेकिन पेशाब रोककर आप नहीं जी सकते।
पेशाब पीने का इतिहास भी रंग-बिरंगा है। मोरारजी देसाई, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, स्वमूत्र चिकित्सा के पोस्टर बॉय कहे जा सकते हैं। उन्होंने पेशाब पीने की बात न सिर्फ कबूली बल्कि इंटरव्यूज में भी खुलकर कही। एक बार एक एंबेसडर के घर गए तो उन्होंने कमरे के सारे बर्तन धुलवा दिए, डर था कि कहीं…
मोरारजी देसाई कहते थे—पेशाब बुलेटप्रूफ इम्युनिटी लाता है, सेहत चमकती है। और शायद इसीलिए वो लगभग 99 साल तक जीए।
यह सिर्फ हिंदुस्तान की बात नहीं। मेडोना ने 2019 में इंस्टाग्राम पर आइस बाथ के बाद पेशाब पीने का वीडियो डाला—कहा इससे चोट ठीक हो जाती है, फंगल इंफेक्शन भाग जाते हैं।
कैरी कटोना, ब्रिटिश टीवी स्टार, 2023 के रियलिटी शो में पेशाब पिया और त्वचा पर लगाया भी।
आयुर्वेद में इसे शिवं मूत्र चिकित्सा कहा गया है। पुराने वैद्य पेशाब की गंध, रंग, मात्रा देखकर बीमारी बताते थे। रोमन साम्राज्य में पेशाब से कपड़े धोने का चलन था क्योंकि इसमें अमोनिया होता है। वहां पेशाब पर टैक्स भी लगता था!
2020 में लंदन के हैरी मेडडिन ने दावा किया कि बासी पेशाब से उनका डिप्रेशन चला गया, जवानी लौट आई।
दावे तो हैं, लेकिन सवाल यह है—क्या वाकई में यूरिन यानी पेशाब पीना सेहत के लिए अच्छा है?
**है वेल अ डॉक्टर्स क्या कहते हैं वो हम**
आपको समझा सकते हैं क्योंकि इसमें हमारा ज्ञान नहीं है। हमने अपना पेशाब नहीं किया है लेकिन यूरिन पीने के बारे में कुछ लोग ये दावा करते हैं कि स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। इस दावे का हालांकि समर्थन करने के लिए कोई ठोस वैज्ञानिक सबूत तो है नहीं।
यूरिन को अगर आप और डिस्क्राइब करें अंदर खोल के तो 95% उसमें पानी है, फिर यूरिया है, क्रिएटनिन है, इलेक्ट्रोलाइट्स हैं और कुछ और इसमें पदार्थ हैं जो शरीर बाहर निकाल देता है।
हालांकि कुछ पारंपरिक या वैकल्पिक चिकित्सा प्रणालियों में इसका लाभ बताया गया है कि इम्यून सिस्टम मजबूत होता है, त्वचा का इलाज होता है, डिटॉक्सिफिकेशन होता है। लेकिन अगर आप एलोपैथिक की बात करेंगे और मेडिकल साइंस की बात मानेंगे तो वह कहता है कि “ना नो पेशाब, सुसु बाहर गोइंग, नो इनसाइड कमिंग।”
वो कहते हैं कि खराब है। वो कहते हैं कि यूरिन पीने से बैक्टीरियल इंफेक्शन, किडनी पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है, इलेक्ट्रोलाइट असंतुलित हो सकता है और कई और परेशानियां हो सकती हैं।
अब सवाल यह है कि क्या परेश भैया का जो घुटने का दिक्कत था उसमें ठीक होता हो? क्योंकि उनसे तो वीरू देवगन ने कहा था। तो इसके लिए भी हमने डॉक्टर वॉक्टर को फोन लगाया, पूछा डॉक्टर साहब क्या चल रहा है? तो डॉक्टर साहब कहे कि भैया हम तो सलाह नहीं देंगे क्योंकि घुटने की रिकवरी के लिए यूरिन पीने की सलाह का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।
घुटने की रिकवरी चाहे चोट हो, सर्जरी हो, गठिया हो, फिजियोथेरपी हो – दवाओं और डॉक्टरों की सलाह पर निर्भर करती है। डॉक्टर साहब हमसे कहे कि यूरिन में कोई ऐसा तत्व नहीं है जो उसकी मरम्मत कर दे या सूजन कम कर दे या हड्डियों/जोड़ों की रिकवरी कर दे।
इनफैक्ट डॉक्टर साहब तो यह भी कहे कि यूरिन पीने से इंफेक्शन या इलेक्ट्रोलाइट असंतुलित होने का जोखिम हो सकता है, जो रिकवरी और परेशान कर सकती है।
फिर सवाल यह है कि इतने सारे लोग दुनिया में जो पेशाब पी रहे हैं वो क्यों पी रहे हैं? इसका क्या फायदा है?
इसके बारे में जब हमने पता किया तो पता लगा कि यूरिन पीने का जो मुख्य लाभ हो सकता है वो पारंपरिक या वैकल्पिक चिकित्सा प्रणालियों पर आधारित है। हालांकि इसका कोई वैज्ञानिक समर्थन नहीं है। लेकिन जो लोग इसके फायदे की बात करते हैं वो यह दावा करते हैं कि यूरिन में एंटीबॉडीज़ और मिनरल्स होते हैं जो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं यानी इम्युनिटी जो आपकी है उसे बढ़ा देते हैं।
हालांकि इसमें भी कई लोग परेश रावल की फोटो डाल रहे थे कि परेश रावल कोविड में एडमिट हुए थे। तो अगर एडमिट हुए थे तो उनकी इम्युनिटी क्यों कमजोर हुई थी? और क्या 90 के दशक में जो पेशाब पीकर घुटना ठीक किया था वो 21वीं सदी में पेशाब पीकर कोविड ठीक नहीं कर सकता था?
कई लोग ये सवाल उठा रहे हैं और ये जायज भी है क्योंकि पेशाब को लेकर दावा इम्युनिटी का ही होता है।
दावा यह भी है कि यूरिन त्वचा की समस्या जैसे मुहासा निकलना, उसको ठीक कर देता है, बाल जो है वो सुंदर हो जाता है। लेकिन परेश भाई के तो बाल भी इतने सुंदर नहीं हैं। कुछ का मानना है कि शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकालता है, कुछ ये भी कह देते हैं कि गठिया/जोड़ों के दर्द में मदद करता है।
यूरिन में विटामिन, मिनरल्स और हार्मोन होने का दावा किया जाता है।
अब यह दावा है, यह हमने आपको बता दिया।
हालांकि डॉक्टर्स और वैज्ञानिक समुदाय ने यह नहीं कहा कि आप पेशाब पीजिए। उनका यही कहना है कि पेशाब स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, लाभकारी नहीं है।
और इसकी वजह हमने आपको मोटी-मोटी बता दी – कि इसमें कोई ऐसा पोषक तत्व या यौगिक तत्व नहीं है जो आपको बेहतर कर सके।
अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन, यूरिन थेरेपी – किसी ने अब तक पेशाब को लेकर ऐसा कोई दावा नहीं किया है। इसके पक्ष में कोई ऐसा ठोस अध्ययन नहीं हुआ है कि इसको पीने से आप बेहतर हो सकते हैं।
तो यह सारी कहानियां हैं। यूरिन शरीर से निकलते समय स्टेराइल हो सकता है लेकिन बाहर आने के बाद बैक्टीरिया से दूषित हो सकता है। इसे पीने से आपको इंफेक्शन हो सकते हैं, बैक्टीरियल समस्याएं हो सकती हैं – यह भी कहा जाता है।
तो फिर कुल मिलाकर कहानी यही है कि **मत पीओ**।
हां, कुछ लोग यह मानते हैं कि त्वचा पर लगा लो तो जलन-वलन जो है वो हल्का ठीक हो सकता है क्योंकि यूरिया होती है इसमें, मॉइस्चराइज़र का गुण होता है।
लेकिन पीने के बारे में तो हमको कोई नहीं मिला।
अब मॉइस्चराइज़र भी लगाना है तो 10-20-50 रुपए का आता है, खरीद लेना। पेशाब करके गाल पे मॉइस्चराइज़र है, हाथ पे – मतलब पता नहीं बदबू मारे, अलग से...
पता नहीं, अपनी-अपनी इच्छा।
कुल मिलाकर कहें तो परेश रावल की कहानी जो है, वो हंसी का ठहाका भी है, सोचने का सबब भी है। मानने वाले इसे मान रहे हैं, वैज्ञानिक तर्क इससे बड़े अलग हैं।
ठीक है, अपनी-अपनी कहानी है।
लेकिन कुल मिलाकर ये यह भी दिखाता है कि इंसान सेहत के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
**मोरार जी देसाई** देश के चौथे प्रधानमंत्री थे, **मैडोना** हॉलीवुड की बड़ी एक्ट्रेस थीं – इन सब के पेशाब थेरेपी किस्से इंसानी जुनून की मिसाल हैं कि वो किस तरह से अपने आप को फिट रखने, सुंदर दिखाने या बेहतर करने के लिए जुनून की पराकाष्ठा को पार कर सकते हैं।
पेशाब को लेकर जो भी चर्चाएं चल रही हैं, वो यह भी बताती हैं कि लोग सेहत के लिए किस लेवल पर प्रयोग कर रहे हैं।
लेकिन हमारी जाते-जाते आपको सलाह होगी कि बाबू भैया की पिक्चर देखिए, आनंद लीजिए, मौज काटिए।
इस खबर को भी सुनिए, थोड़ा बहुत चुटीला अंदाज में मौज काटनी है तो यहां भी काट लीजिए।
लेकिन जब बात सेहत की आए तो वैज्ञानिक तथ्यों और विशेषज्ञों की सलाह को ही प्राथमिकता दीजिए, क्योंकि हंसी-मजाक से तर अंत में स्वास्थ्य और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होना चाहिए।
तो इसलिए अगर आपके मन में यह आ रहा है कि हम भी पेशाब पी लें और सुंदर हो जाएं और आपकी त्वचा हमारी तरह हो जाए तो बाबू, फिर से सोचिए – डॉक्टर से सलाह ले लीजिएगा।
वरना कहीं ऐसा न हो कि अगला मीम आपका वायरल हो जाए।
और जाते-जाते हम फिर कहेंगे – **हल्के मत लेना पेशाब**, बाकी सब रोक सकते, **पेशाब नहीं रोक सकते**।
हाँ, इज्जत देना, उसे ज़्यादा देर रोक लोगे तो दिक्कत हो जाएगी।
जाओ, बताओ कमेंट सेक्शन में।
और जानकारी देने के लिए वीडियो भी थोड़ा फैला देना यार, लोगों तक पहुंचे।
बहुत सारे लोग नहीं तो इतने बड़े एक्टर हैं – उनकी बात सुनके पेशाब पीना शुरू कर देंगे।
वैसे इतना अजीब होगा कि आदमी सुबह-सुबह जा रहा है और...
चलो हटाओ, खत्म करो।