India Pakistan Ceasefire Explained | बंद नहीं हुआ Operation Sindoor, अब हर आतंकी हमला होगा युद्ध की घोषणा”
**जय हिंद दोस्तों,**
इस वक्त देश में काफी मायूसी है। पाकिस्तान के साथ अचानक से जो सीज फायर हुआ है, बहुत सारे लोग इससे परेशान हैं क्योंकि लोगों को उम्मीद थी कि इस बार पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाएंगे कि उसकी 70 पुश्तें याद रखेंगी। हमने उन्हें सबक सिखाया भी, लेकिन लोगों को लग रहा है कि पाकिस्तान को आखिर में जो दो-तीन थप्पड़ और लगने चाहिए थे, वो लग नहीं पाए।
पर देखिए पर्दे के पीछे क्या हुआ है। भारत ने सीज फायर क्यों किया? किस वजह से किया? क्या किसी के प्रेशर में किया? यह पता लगने में थोड़ा टाइम लगेगा, लेकिन इतना तो पक्का है कि पाकिस्तान किसी भी तरह का सीज फायर मानने वाली नस्ल तो नहीं है।
जो कंट्री भारत से चार-चार वॉर हारने के बाद बाज नहीं आई, जो कंट्री 1971 में अपने दो टुकड़े करवाने के बाद भी बाज नहीं आई, जो कंट्री अमेरिका से पैसे लेने के बावजूद ओसामा बिन लादेन जैसों को अपने देश में छिपा लेती है — उस देश की बात पर भरोसा करना गधे की लात पर भरोसा करने जैसा है।
इसलिए लोगों का डर है कि इस बार भी पाकिस्तान मानेगा नहीं। कुछ दिन बाद वो फिर से आतंकी भेजेगा कश्मीर और बाकी जगह लोगों की जान लेगा। छह महीने बाद हमें फिर रियलाइज होगा कि इसके खिलाफ एक्शन लेने की जरूरत है। लेकिन छह महीने में वो न जाने कितने लोगों की और जानें ले लेगा।
इसलिए जिस देश ने मानना नहीं है, आतंकवाद फैलाना जिसका पेशा है, जिस देश में आतंकी की मौत पर स्टेट फ्यूनरल दिया जाता है, जिस देश की मिलिट्री के स्पोक्सपर्सन का बाप खुद यूएन डेजिग्नेटेड आतंकवादी है, जिस देश का रक्षा मंत्री खुद टीवी पर ये कुबूल करता है कि उन लोगों ने 30 सालों तक आतंकवादी तैयार किए — उस देश के लिए यह मान लेना कि वो रातोंरात सुधर जाएगा और नेकी के रास्ते पर चलने लगेगा, यह सरासर स्टुपिडिटी है। इसलिए अगर इस बार हमने उसको ऐसी चोट दी होती, जिसको पूरी दुनिया देख पाती, उसके लोग देख पाते, जिससे उसकी आर्मी के हौसले टूट जाते — तो इस जन्म में ऐसी हरकत वो दोबारा नहीं करता। ऐसा हमारा मानना है।
अभी हुआ ये कि हमने उसके नौ ठिकानों पर हमले किए, उसके एयरबेस को भी टारगेट कर दिया। लेकिन इतने पर भी वो मानने को तैयार नहीं है। सिर्फ दो दिन और भारतीय फौज को अगर खुली छूट मिल गई होती, तो पाकिस्तान का बाजा बजा देना था।
तब उसे ऐसा नुकसान होता जिससे वहां की आर्मी भी डिनाई नहीं कर पाती। इससे पूरे पाकिस्तान में आर्मी की जो पॉपुलैरिटी है, वो भी गिरती, लोग उनके खिलाफ होते और दोबारा वो ऐसी हिमाकत यानी गलती करने की कोशिश नहीं करता।
अब हुआ ये कि हम उसे पूरी तरह बर्बाद करने की इतने नजदीक पहुंच गए थे, और फिर ये सीज फायर हो गया। पाकिस्तान इस सीज फायर को अपनी जीत बता रहा है। वहां का भिखारी प्रधानमंत्री लोगों को जश्न मनाने को बोल रहा है। हमने उनकी एयरफोर्स और आर्मी के दर्जन भर ठिकाने बर्बाद कर दिए। बावजूद इसके, शहबाज शरीफ अपने जिहादी आर्मी चीफ को कांग्रेचुलेट कर रहा है। और ये सब बातें जब आम आदमी टीवी पर देख रहा होता है, सुन रहा होता है, तो उसका खून खौल रहा होता है। इसलिए लोगों को लग रहा है कि इनका ऐसा पक्का इलाज किया जाता कि इन्हें ऐसा झूठ बोलने में शर्म आती। और तब अगर यह लोग कहते कि हम जीत गए हैं, तो इन्हीं की जनता इनको जूते मारती।
दूसरा गुस्सा लोगों को ट्रंप को लेकर भी है। एक तो लोगों को इस बात का गुस्सा है कि अगर इंडिया-पाकिस्तान में कोई सीज फायर हुआ भी था, तो इसकी अनाउंसमेंट ट्रंप क्यों कर रहा है? वो हमें करनी चाहिए थी।
फिर लोगों को गुस्सा इस बात पर भी आया कि आज ये ट्वीट करके बोल रहा है कि कश्मीर की प्रॉब्लम सुलझाने के लिए ये तैयार है। इस सफेद अंडे को पहले कोई यह समझाओ कि चाचा, कश्मीर की कोई समस्या है ही नहीं।
कश्मीर के साथ पाकिस्तान की वही प्रॉब्लम है जो इस वक्त पूरी दुनिया की प्रॉब्लम है — और वो प्रॉब्लम है इस्लामिस्ट आतंकवाद की।
अलकायदा के जिन लोगों ने 9/11 हमला करवाया था, वो कोई न्यूयॉर्क पर अपना दावा थोड़ी ना ठोक रहे थे। उन्होंने अमेरिका को उसकी आइडियोलॉजी की वजह से अटैक किया था।
जिस यूरोप ने आज सीरिया से लेकर बाकी मुस्लिम देशों के लोगों को शरण दी है, आज उसी यूरोप में इतने धमाके कौन कर रहा है? इस्लामिस्ट टेररिस्ट तो कर रहे हैं।
वहां क्या कश्मीर की प्रॉब्लम है?
जिस चार्ली हेब्दो मैगज़ीन पर हमला करके उसके पूरे स्टाफ को खत्म कर दिया गया, वो क्या कश्मीर पर भारत का समर्थन कर रहे थे? बिल्कुल नहीं।
आधे अफ्रीकी देशों में जो इस्लामिक आतंकवादी आपस में लड़ रहे हैं, वो भी क्या कश्मीर के लिए लड़ रहे हैं? बिल्कुल नहीं।
तो फिर क्यों ऐसे टॉपिक पर बकवास कर रहे हो चाचा, जिसका आपको ना आता ना पता।
हेलो! पाकिस्तान का दावा है कि कश्मीर में ज़्यादातर मुस्लिम रहते हैं, इस लिहाज से कश्मीर पाकिस्तान का होना चाहिए। वो बोलता है कि वहां जनमत संग्रह करवा लो, वहां के लोगों से पूछ लो। भारत का दावा है कि भैया, हम एक सेकुलर देश हैं। जब बाकी मुल्क में हिंदू और मुस्लिम एक साथ रह सकते हैं, तो कश्मीर में भी रह सकते हैं।
लेकिन ये बात पाकिस्तान को समझ में नहीं आती क्योंकि उसे भारत से बस लड़ने का बहाना चाहिए। और ट्रंप चाचा, आप क्या कश्मीर की प्रॉब्लम हल करोगे? पहले तो वो कोई प्रॉब्लम है ही नहीं। आप तो बार-बार ये कहते हो ना कि ये समस्या 1000 साल पुरानी है। 1947 में ही पाकिस्तान बना है। इससे पहले कश्मीर एक ही था। तो समस्या हजार साल पुरानी कैसे हो गई?
अब जिस आदमी को प्रॉब्लम की इतनी बेसिक जानकारी नहीं है, वो इस प्रॉब्लम पर कुछ कैसे बोल सकता है? लेकिन वेस्ट की और अमेरिका की प्रॉब्लम पता है क्या है?
"तुम्हारा कुत्ता कुत्ता, हमारा कुत्ता टॉमी।"
ये ट्रंप जो आज भारत में शांति बनाए रखने की नसीहत दे रहे हैं ना — उनसे पहले कोई यह पूछे कि चाचा, 9/11 पर हमला हुआ था, तब अमेरिका ने कौन सा संयम दिखा दिया था?
अमेरिका ने तो पूरे के पूरे अफगानिस्तान को ही बर्बाद कर दिया। आप वहां 20 सालों तक बैठे रहे। और तो और, आपने यूएन के मना करने के बावजूद इराक पर भी हमला कर दिया क्योंकि आपको लगता था कि इराक में केमिकल वेपन्स हैं। पूरा इराक आपने छान मारा। कोई केमिकल वेपन नहीं मिला। सद्दाम हुसैन को फांसी पर लटका दिया। पूरा इराक बर्बाद कर दिया।
क्यों?
क्योंकि आपको 9/11 में मारे गए अपने लोगों का बदला लेना था। मतलब जब खुद पर हमला हुआ, तब आपको समझ में आया कि इस्लामिस्ट टेररिज्म कितना बड़ा खतरा है। और उस खतरे से निपटने के लिए आपने दो देश ही बर्बाद कर दिए। और जब हिंदुस्तान बोल रहा है कि भाई, हम ऐसे आतंकियों को कैसे छोड़ दें जो हमारे देश में लोगों से
धर्म पूछ कर मार रहे हैं तब तुम बोल रहे हो कि संयम रखो क्यों रखें भैया। जो अमेरिका सीज फायर करवा भी रहा है क्या वो हमें लिख कर देगा कि अगर दोबारा पाकिस्तान की तरफ से ऐसे आतंकियों ने हमला किया तो क्या तब वो भारत के साथ मिलकर पाकिस्तान को सबक सिखाएगा? और जब तुम पाकिस्तान की कोई गारंटी नहीं ले सकते, हमारे एक्शन में अड़ंगे डाल रहे हो, तो फिर तुम काहे के सरपंच भैया? तुम भी तो वैसे ही दोगले हो जैसे अमेरिका के बाकी हुक्मरान रहे हैं — दोगले।
वेल दोस्तों, अब इस सवाल पर आ जाते हैं कि हमें ऑपरेशन सिंदूर से मिला क्या? तो मेरा जवाब है बहुत कुछ मिला। देखो, मैं समझता हूं कि इस वक्त काफी लोग सीज फायर से दुखी हैं। लेकिन अगर हम ठंडे दिमाग से सोचें तो इस बार हमने पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाया है जैसा 78 सालों में नहीं सिखाया था। 71 की जंग में हमने उनसे सरेंडर जरूर करवाया था, लेकिन तब भी ऐसा नहीं हुआ था कि हमने उनके एयरबेस और मिलिट्री बेस तबाह कर दिए हो।
पाकिस्तान में इतने अंदर जाकर स्ट्राइक की हो — नहीं की थी। आप सोच कर देखिए, भारत ने पीओके ही नहीं, पाकिस्तान के पंजाब के अंदर तक जाकर सर्जिकल स्ट्राइक किए। नौ हमलों में 100 टेररिस्ट मार दिए, पाकिस्तान के सात एयरबेस तबाह कर दिए। एयरबेस पर हुई स्ट्राइक में वहां के 100 से ज्यादा फौजी मार दिए। आतंकी मसूद हजर का पूरा खानदान खत्म हो गया। हमारे ड्रोन ने लाहौर से लेकर सियालकोट, रावलपिंडी से लेकर भावलपुर तक सारे शहरों को हिला कर रख डाला।
मतलब उनके एक आतंकी हमले के बदले हमने उन्हें ऐसा सबक सिखाया है जो उन्हें हमने आज तक नहीं सिखाया था। इसके अलावा उनके पांच से छह जेट्स स्ट्राइक में मार दिए। पाकिस्तान को हमने दो ही दिन में बता दिया कि तुम हम पर एक भी मिसाइल नहीं दाग पाओगे और हम जब चाहे, जहां चाहे, तुम्हें पेल सकते हैं।
अब सच यह है कि हर भारतवासी चाहता है कि यह पिलाई अभी भी जारी रहती। लेकिन अगर सीज़ फायर जैसी बात हुई है, तो इसका मतलब यह नहीं कि ये पिलाई रुक जाएगी क्योंकि भारत ने क्लियरली बोला है कि आज के बाद पाकिस्तान की तरफ से किया गया एक भी आतंकी हमला एक्ट ऑफ वॉर माना जाएगा।
इसके अलावा जब मैं यह News Post लिख रहा हूं, तब तक भारत की एयरफोर्स ने भी साफ कर दिया है कि उसने ऑपरेशन सिंदूर में कई सारे ठिकाने खत्म कर दिए हैं। और बड़ी बात यह है कि उन्होंने कहा है कि ये ऑपरेशन अभी भी चल रहे हैं, मतलब पाकिस्तान की ठुकाई खत्म नहीं हुई है। दूसरी बात ये है कि सीज फायर की बात ट्रंप बोल रहा है। हमने ये "सीज फायर" वर्ड अभी तक यूज़ ही नहीं किया है। जी हां, कल हमारे विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी ये वर्ड यूज़ नहीं किया, मोदी जी ने भी अभी तक इस पर ट्वीट नहीं किया है। मतलब भारत ने "सीज फायर" वर्ड यूज़ ही नहीं किया है। इसका मतलब यह है कि अगर पाकिस्तान सीज फायर तोड़ने की हिम्मत करता है, जो कि उसने कोशिश करी भी है, तो उसे दोबारा ऐसे ही ठोका जा सकता है — और शायद ठोका जा भी रहा है।
वैसे भी जो वॉर होती है ना, वो कोई टी-20 मैच नहीं होता है — टेस्ट मैच के जैसे होती है। कई दिनों तक चलती है, कई ब्रेक्स आते हैं। लेकिन ब्रेक का मतलब या स्टंप्स का मतलब ये नहीं होता कि मैच खत्म हो गया है। आप मानकर चलिए भारत-पाकिस्तान की लड़ाई में एक ब्रेक आया है — उसमें भी पाकिस्तान की तरफ से टाइम आउट लिया गया है। अमेरिका के पैर पकड़ कर उन्होंने माफी मांगी कि “चाचा, हमें बचा लो।”
लेकिन दोस्तों, इसमें एक इंटरेस्टिंग स्टोरी और है। ये तो मैंने आपको बताया कि पाकिस्तान ने अमेरिका को बोलकर ये सीज फायर करवा लिया था, और उसके बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने इसे लेकर ट्वीट भी कर दिया था। फिर क्या हुआ? जब पाकिस्तान के फॉरेन मिनिस्टर ने इस सीज फायर के लिए अमेरिका को क्रेडिट दिया, तो चीन चिढ़ गया। चाइना को लगा कि पाकिस्तान तो मेरा पालतू है — अमेरिका के गुण क्यों गा रहा है?
आपने तभी नोट किया होगा कि पहले शाहबाज शरीफ 8:00 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले थे, फिर उनकी ये भाषण प्रेस कॉन्फ्रेंस टल गई। इसके बाद खबर है कि चीन के विदेश मंत्री ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री को फोन किया। जिसके बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि चीन ने बोला है कि वो हमारे साथ हैं और हमारी इंटीग्रिटी की रक्षा करेंगे। फिर कुछ देर बाद पता चलता है कि पाकिस्तान ने सीज फायर तोड़ दिया। मतलब ये साफ था कि चीन को ये पसंद नहीं आया कि उसका पालतू पाकिस्तान अमेरिका के बोलने पर सीज फायर क्यों कर दिया। इसलिए चीन ने वहां की सरकार को भड़काया कि आर्मी को बदमाशी करने दो। तभी आपने नोट किया होगा कि देर रात तक पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन आते रहे।
इसलिए मैंने शुरू में बोला ना भाई — ये सीज फायर की कहानी उतनी सिंपल नहीं है जितनी बाहर से लग रही है। बहुत सारे स्टेकहोल्डर्स हैं इसमें। चाइना तो ये चाहता ही है कि पाकिस्तान भारत के साथ उलझा रहे क्योंकि इस टाइम चाइना की इकॉनमी की हालत खराब है। भारत जितनी लंबी वॉर लड़ेगा, उतना ही नुकसान उसे होगा।
लेकिन दिक्कत ये हो गई कि पाकिस्तान दो दिन में ही ट बोल गया, फिर बिना चीन को बताए उस फट्टू ने — यानी पाकिस्तान ने — सीज फायर कर लिया। चीन और भड़क गया। अब पाकिस्तान अपने जिगरी यार को नाराज नहीं करना चाहता था। और जिस अमेरिका के पैरों में गिरकर उसने सीज फायर करवाया था, पाकिस्तान उसके भी अगेंस्ट नहीं जा सकता था।
और जैसा कि मैंने कहा, अभी भी पिक्चर क्लियर नहीं हुई है। भारत ने तो साफ सिग्नल दे दिया है कि ना तो पाकिस्तान से कश्मीर पर कोई बात होगी, ना सिंधु समझौते में उसे पानी मिलेगा। ऊपर से अगर उसने कोई बदमाशी की, तो इसे युद्ध की घोषणा माना जाएगा — और उसे जम के पेला जाएगा। इसलिए भाइयों, जिस किसी का भी यह सोच कर दिल टूट रहा है कि हमने पाकिस्तान को क्यों छोड़ दिया, वो निराश मत हो। डिसपॉइंट मत हो क्योंकि पिक्चर अभी बाकी है। अभी पाकिस्तान का भरता बनना बाकी है। हमने उसे चूल्हे पर चढ़ाकर धीमी आंच पर सेकना शुरू कर दिया है। मसाला तैयार हो रहा है — बस हमें ये देखना है कि उस पर खौलता हुआ गरम तेल कब डालना है।
इसलिए दिल छोटा मत करो — अभी और सुताई होगी पाकिस्तान की।
बाकी आपकी इस मुद्दे पर क्या राय है, कमेंट करके बताना। Post पसंद आई हो तो इसे जरूर शेयर करना।
क्या लगता है आपको? अभी पाकिस्तान की फाइनल पिटाई होगी या सीज फायर ही फाइनल है? जो भी आपकी रीडिंग हो, आपका एक्सपीरियंस हो, आपका ऑब्जरवेशन हो — बिंदास कमेंट करना।
** जय हिंद! जय भारत! **
💞 BUY NOW 💞 |